भगवान परशुराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया ब्राह्मण समाज सम्मान समारोह, सांसद डॉ महेश शर्मा कार्यक्रम में रहें मुख्य अतिथि।
गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद
शुक्रवार को भगवान परशुराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट द्वारा एक ब्राह्मण समेल्लन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सांसद डॉ महेश शर्मा एवं उप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक आईटी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय जी शामिल हुए। वहीं आगरा से विधायक , अलीगढ़ के सांसद श्री सतिश गौतम, संचेतक विधान परिषद श्री विजय बहादुर पाठक, एमएलसी शिक्षक श्री चन्द्र शर्मा, और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा जी इस ब्राह्मण समेल्लन समारोह में शामिल हुए।
श्री राकेश शर्मा जी और श्री संजय बाली जी के द्वारा सर्व जन कल्याण परशुराम उत्थान सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित अवकाश मिश्रा जी को समस्त पदाधिकारियों के साथ स्नेह निमंत्रण भेजा गया सभी पदाधिकारिओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जिसमें समिति के संचालकतुल्य श्री मुक्त नन्द (प्रधान जी) और सह संरक्षक श्री हरी किशोर कुवर, श्री मनोज उपाध्याय, श्री रंजन सिंह (सचिव) श्री राजेश राय (उपाध्यक्ष) श्री अशोक सिंह (कोषाध्यक्ष) श्री रोहित ठाकुर (प्रवक्ता) श्री राम कुमार ठाकुर (सह क़ानूनी सलाहकार) और साथ में सभी ने परशुराम रत्न श्री ओम प्रकश पांडेय, श्री अमोद राय, श्री मायानन्द मिश्र, श्री मुन्ना, श्री दिनेश मिश्रा और भी परशुराम कोहिनूर ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
भगवान परशुराम जी का संक्षिप्त जीवन परिचय
परशुराम जी त्रेता युग (रामायण काल) में एक ब्राह्मण ऋषि के यहाँ जन्मे थे। जो विष्णु के छठा अवतार हैं। पौरोणिक वृत्तान्तों के अनुसार उनका जन्म महर्षि भृगु के पुत्र महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को मध्यप्रदेश के इन्दौर जिले में ग्राम मानपुर के जानापाव पर्वत पर हुआ। वे भगवान विष्णु के आवेशावतार हैं।
महाभारत और विष्णुपुराण के अनुसार परशुराम जी का मूल नाम राम था किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम जी हो गया। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे भगवान परशुराम जी कहलाये।
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राजा रवि वर्मा द्वारा भगवान परशुराम जी का बनाया हुआ विशेष चित्र ( आभार : गूगल) |
वे शस्त्रविद्या के महान गुरु थे। उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी।
विशेष संवाददाता : गौरव राय
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